→हमारे यहाँ एक कहावत है
"हँसो और मोटा हो जाओ" लेकिन आज के जीवन
में आदमी हँसता है क्या? यही सवाल है. आज
मनुष्य तनाव, भय, निराशा के साथ जी रहा है।
हसी मानो कोई सपना बन गया हो। और बाकी हंसी नकली है।
जो चेहरे पर तो दिखती है पर दिल में नहीं। हास्य जीने के लिए अमृत के
समान है, तो आइए देखते हैं कैसे ? मेरा एक दोस्त है मैंने कभी नहीं सुना कि
वह डॉक्टर के पास दवा लेने गया होगा। जब मैं उसे देखता हूं तो हैरान हो
जाता हूं कि इन दिनों कुटुंब की तरफ हर घर में बीमारी घुस गई है। और फिर
मुझे पता है कि मेरे दोस्त की अच्छी तबीयत की वजह,उसके चेहरे पर
हमेशा छलकती हसी है। वह हमेशा मुस्कुराते रहते हैं। मैंने कभी उसके चेहरे
पर निराशा देखी ही नहीं।
⍈⍈" जो व्यक्ति मुस्कुराता है उसे अधिकांश दवाओं की
आवश्यकता नहीं होती है।"
⍈⍈ "हँसी स्वास्थ्य के लिए एक टॉनिक है।"
👉डॉ वेंडल होजेस हमेशा कहते हैं कि खुशी ही दिव्य उपाय है।
हर किसी को किसी भी हालत में मुस्कुराते रहना चाहिए।
👉जीवन कई परेशानियों से भरा है । यह सच है कि निराशा,
चिंता मनुष्य को परेशान करती रहती है, लेकिन ऐसे समय में हास्य व्यक्ति
को नई जिंदगी देता है।
👉 जीने के लिए हमें कितनी ऊर्जा खर्च करनी पड़ती है, हंसी शरीर
को ताकत देती है, हंसने से अंगों को व्यायाम के साथ-साथ आनंद भी मिलता
है।
हास्य फेफड़ों और वृषण मीडियास्टिनम में शुरू होता है। हास्य के
कारण अमासय और शरीर के अन्य अंग तीव्र गति से चलने लगते हैं। और इस
तरह शरीर में खुशी की अनुभूति होती है।
👉 जब आप गहरी सांस लेने या हंसने के लिए आते हैं तो अंडकोश
के बीच की मांसपेशी नीचे की ओर जाती है और पेट पर दबाव डालती है, इसे
पकड़कर पेट की गतिमान ली जाती है। जिससे जडप से पाचन क्रिया होती है
और दिल की धड़कन तेज हो जाती है। जडप से पूरे शरीर में रक्त संचार
होता है।और पूरे शरीर में गर्मी और ताजगी पैदा होती है। आँखों में चमक आ जाती है।
बहुत पसीना होता है।दुसित वायु बाहर निकलती है। इस तरह हास्य शरीर में एक संतुलित
अवस्था का निर्माण करता है। और स्वास्थ बना रहता है।
👉हास्य शक्ति बनाता है। यह एक मानसिक क्रिया में बदल जाती है।
है। और मानसिक प्रवाह का शरीर के अंदर के स्थानों पर अधिक प्रभाव
पड़ता है। मन प्रसन्न हो तो स्वास्थ्य संस्थान, पाचन संस्थान, रक्त संस्थान, मूत्र
संस्थान आदि मजे से काम करते हैं। खुशी शरीर में ऊर्जा पैदा करती है। जो
कोईभी भी आदमी को काम के लिए तैयार करती है।
उदासी, चिंता, भय मानव जीवन के खतरनाक शत्रु हैं। कितने लोग
हमेशा चिंतित, शोक संतप्त, डरे हुए चेहरे के साथ घूमते हैं? वे लोग
लकवाग्रस्त लोग हैं जो कोई काम नहीं कर सकते। हमें उन चीजों का सामना
नहीं करना पड़ेगा जो हमें जीवन में दुखी करती हैं। मानसिक शक्ति का
विकास होगा जो बिना प्रफुल्लित मन के संभव नहीं है।
👉डॉक्टर्स का भी कहना है कि खुले दिल से हंसना मेंटल हेल्थ के
लिए बहुत फायदेमंद होता है। एक घटना है :- एक व्यक्ति था जो बहुत दिनों
से बीमार था, उसके रिश्तेदारों ने भी मान लिया था कि वह कुछ ही समय में
मर जाएगा, उसके सभी रिश्तेदारों को गांव के बाहर से बुलाया गया था। तो उसमे
उसका एक दोस्त भी था। वह अचानक बिस्तर पर गया और बोला, मुझे देखो
और उसने देखा और दोस्त ने इस अंदाज से कहा कि तुम बिल्कुल ठीक हो, तुमे क्या हुआ है।?
वह बीमार व्यक्ति अपने दोस्त की इस बात पर हंस पड़ा।
आपको विश्वास नहीं होगा कि उसके इस तरह हंसने से उसके अंदर के अंग
पूरी तरह से जाग गए। और कुछ ही दिनों में वह ठीक हो गया। "हँसी मरीज
को देती है नई जिंदगी"
👉लेकिन हमारे सभ्य समाज में नियम अलग हैं। हमारे यहां
कृत्रिम हंसी का रिवाज है। कृत्रिम हँसी यानी दबी हुवी हसी।
👉 क समय हंसना योग्य नहीं है। लेकिन जहां हंसना
चाहिए वहां खुले दिल से हंसना चाहिए। लोकलाज के डर से कितने लोग हास्य
करना बंद कर देते हैं? लेकिन उन लोगों को यह नहीं पता होता है कि ऐसा
करके वे शरीर में बीमारियों को न्यौता दे रहे हैं।
👉एक प्रसिद्ध लेखक स्वास्थ्य पर लिखता है। हमें अपने स्वभाव
को आनंदमय बनाना चाहिए। इतना ही नहीं हमें हसना भी आना चाहिए और
हसाना भी आना चाहिए। जो बच्चा खुश नहीं है वह महान नहीं बन सकता।
👉 भोजन करते समय हास्य चटनी की तरह काम करता है। खाने
में मजा आने पर खाना जल्दी पच जाता है। और खुराक भी अधिक ली जाती
है। मुस्कुराते रहने से नींद भी अच्छी आती है। "हँसिये और स्वस्थ रहिये" इस
सूत्र को जीवन में अपनाकर आप पूर्ण रूप से प्रसन्न रहेंगे।
👉आज हो रही सैकड़ों मौतों के पीछे आप चाहे कोई भी कारण दें,
वास्तव में उनके पीछे चिंता ही काम करती है। अगर पानी की एक बूंद एक
जगह गिरती रहे तो वह गड्ढा बन जाता है। ऐसी है मानसिक चिंता। एक ही
बात को बार-बार सोचने से दिमाग काम करना बंद कर देता है।
👉 अतीत में हुए भयानक दुखों को सहकर न जाने कितने लोगों
ने अतीत में जीया है, भूलना नहीं सीखा है। अगर बीता हुआ कल बुरा था, तो
अब उस पर रोने का क्या फायदा? हम अपना सारा ध्यान आज पर केंद्रित
करके आज को सुंदर क्यों नहीं बनाते? और कुछ लोग अपने भविष्य की चिंता
में आज में नहीं जीते हैं। कल की योजना बनानी चाहिए लेकिन चिंता नहीं
करनी चाहिए।
👉और कुछ लोग ऐसे भी होते हैं। जो हस्ते हस्ते काम
करते हैं.वो लोग चिंता और गम पर भी हस देते हैं। अगर आपको असफलता
मिलती है तो आशावादी बनें और फिर से काम करना शुरू करें। ऐसे लोग
कभी असफल नहीं होते। आज नहीं तो कल सफलता अवश्य मिलेगी। अगर
आपका स्वभाव हंसमुख है। तो समझ लीजिए आपको भगवान की तरफ से
एक अनोखा तोहफा मिला है। ..
*** हंसने के तरीके***
बस तो फिर शुरू करो "हँसते हँसते"जीना.........
aap koy or visay par janna chahte ho to hame comment karke bataye...
ReplyDeleteOk
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