आनंद में जीने के तरीके।
१:- गाना गाते रहो:-
खुशी का ऐसा रास्ता पढ़कर हम जरूर हंस रहे होंगे, लेकिन ये एक
शानदार तरीका है, गीत और संगीत जीवन में जोश भर देते हैं।
जब भी कोई व्यक्ति काम के साथ-साथ गाता रहता है। तो वह
जल्दी थकता नहीं। और बोरभी नहीं होता। ,वह उम्मीद से ज्यादा काम कर सकता है ।
अगर कोई महिला रसोई बनाते समय धीरे-धीरे गाना गाती रहेगी तो यकीन मानिए कि उसकी रसोई स्वादिष्ट हो जाएगी। उनकी
रसोई कभी खराब नहीं होगी।
सब्जियों को धूप की जितनी जरूरत होती है।
आनंद के लिए हमें संगीत की भी इतनी ही आवश्यकता होती है। संगीत में दुख दर्द भूलाने की ताकत होती है ।
जिसे संगीत पसंद है वह बहुत आसानी से इसका आनंद ले सकता है।
2:-खुद पर हंसना सीखो।
एक व्यक्ति जो खुद पर हंस सकता है। उसे कोई दुखी नहीं कर सकता।
उदाहरण:- एक दिन दो बच्चे एक साथ खेलने जा रहे थे। पर
उसी समय, उन्होंने एक साथ एक बॉक्स देखा। दोनों ने उसे पकड़ लिया
लेकिन इसके बाद दोनों में जगडा हुआ
बॉक्स में जो निकले गा, यह कौन लेगा? यह युद्ध लंबे समय तक चला। लेकिन कोई फैसला नहीं आया। फिर उन दोनों ने सोचा कि ख्चोल कर देखे तो सही
बॉक्स में क्या है? जब डिब्बा खोला तो वह पूरी तरह से खाली था, उसमें से कुछ भी नहीं निकला। दोनों कुछ देर एक दूसरे को देखते रहे। तभी अचानक से दोनों ठहाके मारकर हंस पड़े । ए कहानी हमें सिखाती है कि जो अपनी असफलता पर हंस सकता है वह कभी दुखी नहीं हो सकता। खुशी उसे छोड़ नहीं सकती
3- परवाह मत करो लोग क्या कहेंगे?
आज अगर किसी को सबसे ज्यादा परवाह है तो यही की लोग क्या कहेंगे?
एक औरत थी, हमेशा चिंता में रहती थी घर में ये एसा क्यों है बिखरा क्यों है?यह चीज इस जगा क्यों नहीं है।कोई बाहर से आकर देखे गा तो क्या कहेगा?ऐसे हमेशा दूसरा क्या कहेगा यही सोचती रहती थी।अब लोगों को दिखाने के लिए ही जिएंगे त्तो ख़ुश केसे रहेंगे?
न जाने कितने लोगों की आदत होती है जो हमेशा लोगो का बुरा-भला बोलते रहते हैं ,
और खुद आनंद लेंते है, लेकिन यह अच्छी बात नहीं है। कुछ लोग
हमारे बारे में भी बुरा बोलते है। किसी का बुरा मत बोलो। और अगर कोई
हमारे बारे में बुरा बोलता है, उस पर ध्यान मत दो
उदाहरण:- एक लड़का था, वह दिमाग का बहुत अच्छा था लेकिन वह
अकेले अकेले हस्ता रहता था। उसके दोस्त ने कहा कि लोग तुम्हें मूर्ख कहेंगे ,
तब उन्होंने मुस्कुराते हुए उत्तर दिया कि
यहां लोगो की चिंता किसको है?
जो अपनी खुशियों की चाबी दूसरे के हाथों में देते हैं
वे आनंद नहीं ले सकते।
16 साल की लड़की जिसकी अभी तक शादी नहीं हुई है। लेकिन उसके पास सपने हैं ,
मैं शादीशुदा होऊंगी । मेरे पति ऐसे होंगे,मुझे प्यार करेंगे
आदि आदि बहुत कुछ सोचते रहती हैं। फिर कुछ साल बाद उनकी
शादी हो जाती है। और उसका पति उनकी कल्पना के विपरीत निकलता है,
तब वह दुखी होगी। ऐसा क्यों हुआ? वह
यह मानती है कि अपनी खुशी दूसरों के हाथों में है।
जब की कुदरत ने अपनी खुशियों की चाबी अपने ही हाथ में दे दी हो। इमर्सन कहते हैं, मुझे किसी भी हाल में कहीं भी रखना। फिर भी मुझे अपने स्वभाव से वहाँ भी सुख मिलेगा। यानी हमारी खुशी
हमारे ही हाथ में है।
4:- अपने शोख को बिजनेस बनाएं।
यह एक बढ़िया तरीका है। क्योंकि हम अपने जीवन में अपना 70%समय बिजनेस को ही देते हैं
अगर हमारा काम हमें खुशी नहीं देता है, तो 70% जिंदगी हमारी उही चली जाएगी।
इसे विस्तार से समझते है। एक व्यक्ति सुबह अपने व्यवसाय के लिए जाता है।
वह पूरा दिन वहीं बिताता है। लेकिन वह व्यवसाय या नौकरी उसका मनपसंद काम नहीं है
तो उसे मजा नहीं आएगा।
तो वह क्या सोचता है? रविवार छूट्टी होती है ,तब मज़ा करेंगे, पार्टी करेंगे,तो उसकी खुशी कहाँ रहती है?
रविवार को लेकिन रविवार आने में अभी 6 दिन बाकी हैं। तो ये 6 दिन बिना एन्जॉय किए गुजर जाएंगे। क्या एक दिन के इंतजार में 6 दिन बर्बाद करना समझदारी है ?
फिर भी हम 6 दिन खो देते हैं। क्योंकि ऐसा करने से ही पैसाआता है ।
और हमारे परिवार का जीवन चलता रहता है। तो क्यों न काम ही एसा करें
जिससे आपको काम करने में मजा आता है और पैसे भी मिलते हैं।
अगर आप अपना काम नहीं बदल सकते हैं, तो उस काम को अपना आनंद बना लें।
जिस पर आप काम करते हैं उसके अच्छे पासे का पता लगाएं और ध्यान से देखें कि कैसे
अच्छा यह उस काम में है। यह जो कुछ भी है। इसे एक कागज़ पर लिख कर पढ़ें
रोज सुबह। आप कुछ ही दिनों में । वह आपका शोख बन जाता है
और आप इसका आनंद लेने लगते हैं।
लेकिन काम को इस तरह से पसंद करना कि उसमें किसी का नुकसान न हो।
अगर साधन अशुद्ध हैं, तो आप हमेशा तनाव में रहेंगे। कभी आनंद नहीं ले सकते ,
5: अपने घर को स्वर्ग बनाएं।
लोग स्वर्ग की तलाश में रहते हैं। कुछ लोगों का मानना है कि मरने के बाद उन्हें स्वर्ग मिलता है। लेकिन स्वर्ग वहीं है जहां आपका
परिवार है।
इसलिए हमें घर का माहौल कुछ इस तरह बनाना चाहिए
जिस तरह से कुटुंब में हमेशा खुशी बनी रहे।
घर आदमी पर अधिक आधारित है। इसीलिए अगर आदमी
खुश रहेंगे तो घर का माहौल भी खुशनुमा रहेगा।
लेकिन कितने पुरुषों की आदत है? कि वह दोस्तो के बीच में खुश रहते है ,
और घर आते ही उदास, चिंतित हो जाते हैं,
और उसके दुख का कारण भी घर पर पड़ता है।
घर क्या है? जिसमें सारी सुविधाएं हैं। क्या वह?
आज श्मशान घाट भी ऐसे बनने लगे हैं।
जहां सभी सुविधाएं उपलब्ध हैं। लेकिन इसमें उदासी और विषाद है
अगर हमारे घर में सब कुछ होने के बाद भी दुख और अशांति है
सुविधाएं, तो हमारा घर क्या है? इसलिए एक बात का ध्यान रखें,
घर का मतलब है आनंद, खुशी का मतलब घर। हमारा घर स्वर्ग है
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